रूठे हुए मेहबूब को मनाने का वजीफा 5/5 (6)

रूठे हुए मेहबूब को मनाने का वजीफा

रूठे हुए मेहबूब को मनाने का वजीफा – Ruthe Hue Mehboob Ko Manane Ka Wazifa, Dua, Amal, Tarika, Upay, यदि आपका मेहबूब आपसे रूठ गया है और किसी भी तरह से नहीं मान रहा तो आज हम आपको महबूब को अपना बनाने का वज़ीफ़ा और महबूब को वापस पाने का वज़ीफ़ा बतायेगे। इसे महबूब की मोहब्बत का वजीफा भी कहा जाता है.

Ruthe Hue Mehboob Ko Manane Ka Wazifa

मोहब्बत में अगर इकरार और इजहार का दौर चलता रहता है, तो कई बार कुछ बातों को लेकर तकरार भी हो जाता है। ऐसे में रूठे महबूब या माशुका को मनाने के लिए तरह-तरह के जतन करने पड़ते हैं। इसी कारण किसी शायर ने कहा है- रूठे रब को मनाना आसान, पर रूठे यार (प्यार) को मनाना मुश्किल है!

रूठे हुए मेहबूब को मनाने का वजीफा - Ruthe Hue Mehboob Ko Manane Ka Wazifa, Dua, Amal, Tarika, Upay

रूठे हुए मेहबूब को मनाने का वजीफा – Ruthe Hue Mehboob Ko Manane Ka Wazifa, Dua, Amal, Tarika, Upay

हालांकि अल्लाह की इबादत में काफी दम और बरकत है। र्कुआन-ए-पाक में रूठे हुए महबूब को मनाने का मात्र दो लफ्जों का एक जबर्दस्त वजीफा या वदूदो ’ दिया गया है। इसे पूरे ध्यान और खुलूस के साथ पढ़ने पर महबूब या महबूबा चाहे कितना भी क्यों न रूठा हों, उसे मना लिया जा सकता है। मौलवी द्वारा इसे पढ़ने के तरीके निम्न प्रकार से बताए गए हैं-

  • किसी भी दिन सुबह के समय में पाक-साफ होकर फज्र की नमाज के बाद इसे पढ़ने की शुरूआत करत सकते हैं। लड़की को माहवारी के दौरान इसे करने की मनाही है।
  • शुरूआत किसी भी दुरूद-ए-पाक को 11 बार पढ़कर करें। इस दौरान मुंह का रूख महबूब के घर की तरफ रखें।
  • फिर अल्लाहताला का इस्म शरीफ आयत को 131 बार अवश्य पढ़ें। वैसे पढ़ने की संख्या नाम के मुताबिक मौलवी से मालूम कर सकते हैं।
  • आखिर में 11 बार दुरूद-ए-पाक को दोबारा पढ़ने के बाद महबूब के घर की ओर फूंक मारें।
  • इसकी मियाद 11 दिनों की है। असर नहीं दिखन पर 41 रोज तक किया जा सकता है।

महबूब की मोहब्बत का वजीफा

महबूब की मोहब्बत का वजीफा – Mehboob Ki Mohabbat Ka Wazifa, Dua, Amal, Tarika, Upay, हर महबूबा चाहती है कि उसका महबूब हमेशा उसकी मोहब्बत में बंधा रहे। उसकी मोहब्बत पर किसी भी तरह की कोई आंच नहीं आने पाए।

वह अल्लाहताला से मोहब्बत के हिफाजत की दुआएं करती है। इसमें र्कुआन में दिए गए आयत को पढ़कर अगर वह अपने महबूब के दिल में उसके प्रति बेशुमार मोहब्बत पैदा करने की दुआएं कर सकती है। प्रेमी या प्रेमिका दोनों के लिए पढ़ा जाने वाल बेइंतहा मोहब्बत का वजीफा है

वल्लाहु गाालिबुन अला अमरिही कद श-ग-फहा हुब्बा  हुब्बान अला हुबुल खैर ला शदीद

वजीफां के जानकार मौलवी के अनुसार इसकी शुरूआत मंगलवार या शनिवार को छोड़कर किसी भी दिन की जा सकती है। महबूबा के लिए हिदायत दी गई है कि वह इसे अपनी माहवारी के दिनों नहीं पढ़े। इस संबंध में सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार अपनाना चाहिए।

Mehboob Ki Mohabbat Ka Wazifa

  • ईशा की नमाज के बाद रात के दस बजे के बाद वजू कर वजीफे को पढ़ने की तैयारी   करंे।
  • दुरूद इब्राहिम को 11 बार पढ़ें। फिर र्कुआन-ए-पाक की पहली सूरत सौराह फातिहा (अल्हम्द शरीफ) को 101 बार पढ़ें।
  • महबूब का तीन बार नाम लेकर मोहब्बत के लिए अल्लाहताला से दुआ करने के बाद र्कुआन-ए-पाक की तीसरी सूरत सौराह इखलास को भी 101 बार पढ़ लें।
  • फिर वजीफे को 1000 बार पढ़ें। अंत में दुरूद इब्राहिम को दोबारा 11 बार पढ़ें और फिर सोने के लिए चले जाएं।
  • इस वजीफे को लगातार दस दिनों तक पढ़ना है। एक सप्ताह बीतते-बीतते इसका असर स्पष्ट असर दिखने लगेगा, जिसका अंदाजा महबूब के मिलने की बेचैनी से लगाया जा सकता है।

महबूब को वापस पाने का वजीफा

महबूब को वापस पाने का वजीफा – Mahaboob Ko Wapas Pane Ka Wazifa, Dua, Amal, Tarika, Upay, प्यार-मोहब्बत में अड़चनों का आना कोई नई बात नहीं है। कुछ बाधाएं महबूब की तरफ से भी आ जाती हैं। किसी वजह से महबूब के दूर चले जाने या उसे कोई और पसंद आ जाने की स्थिति में  महबूबा के सामने उसकी मोहब्बत के खो जाने की समस्या आ जाती है।

इस हालत में महबूबा को चाहिए कि वह अपने महबूब को वापस पाने का वजीफा अमल में लाए। मोहब्बत की तड़प पैदा करने वाले वजीफे का आयत है-

बिस्मिल्लाहिल्लाजी बी यादीही मराकूतु कुल्ली शयीन वैलयाही तुर्जाआना ला हवाला वाला कुव्वाता इल्ला बिल्लहिल अलिय्यील अजीम।

इस वजीफे के साथ एक टोटका करने की भी सलाह दी गई है, ताकि महबूब अपनी महबूबा की मोहब्बत का दीवान बनकर उससे मिलने को आतुर हो जाए। उसके लिए इस्तेमाल किया जाना वाला सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार है-

Mahaboob Ko Wapas Pane Ka Wazifa

  • शुरूआत का समय फज्र या ईशा के नमाज के बाद किसी भी दिन हो सकता है। पाक-साफ होकर वजु करने के बाद इस वजीफे को सात दिनों तक करना चाहिए।
  • साथ में सात काली मिर्च रखें और सुरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ को सात बार पढ़ें। हर बार एक काली मिर्च के दाने पर दम करें।
  • दम किए हुए काली मिर्च को एक पुड़िया में संभालकर अपने सामने रखें। फिर सात बार दरूदे पाक को पढ़ें।
  • उसके बाद दिए गए आयत को 107 बार पढ़ें और अंत में सात बार फिर से दारूदे पाक को पढ़कर उठ जाएं। काली मिर्च को जला डालें। महबूब से मिलने का ख्याल लाएं। उसकी तस्वीर निहारें। संभव हो तो बात करने के वास्ते काॅल या मैसेज भेजें।

महबूब को अपना बनाने का वजीफा

महबूब को अपना बनाने का वजीफा – Mahaboob Ko Apna Banane Ka Wazifa, Dua, Amal, Tarika, Upay, अगर आपको लगता है कि आपका महबूब आपसे बेरूखी से पेश आ रहा है। यह स्थिति लंबी जुदाई की वजह से भी हो सकती है। ऐसे में अपनी मोहब्बत के बूते महबूब को अपना बनाया जा सकता है।

उसके दिल में इतनी मोहब्बत पैदा कर दें कि वह आपके अलावा किसी और का विचार मन में नहीं ला पाए। उसके लिए र्कुआन में दिया गया एक आयत बहुत ही ताकतवर है।

इस वजीफे के अमल से महबूब न केवल आपके प्यार की भावना को गहराई से समझेगा, बल्कि वह हमेशा अपना बना रहेगा। र्कुआन-ए-पाक में दिए गए सुराह अल-बुरखा का आयत है-

युहिब बुना हम खूब बाल लाही जिना अमानु अशद्दु हब्बाल लाही।

Mahaboob Ko Apna Banane Ka Wazifa

  • महबूब के दिल में मोहब्बत के जज्वात पैदा कर उसे अपना बनाने के इस वजीफे को पांचों वक्त के नमाज पढ़ने के बाद शुरू करना चाहिए। यानी ईशा की नमाज के बाद ताजा वजु बनाएं और 11 बार दरूदे शरीफ को पढ़ें।
  • फिर दिए गए आयत को 101 बार पढ़कर अल्लाताला से अपने महबूब को अपना बनाने की दुआ करें। इस दौरान महबूब का तीन बार नाम लें और उसकी तस्वीर जेहन में ध्यान करें।
  • अंत में दरूदे शरीफ को एक बार फिर से 11 बार पढ़ लें।
  • इस वजीफे को कम से कम 11 दिनों तक अवश्य करें। साथ ही माहवारी के दिनों के बाद इसकी शुरूआत करें।
  • इंशा अल्लाह आपकी दुआ जरूर कुबूल होगी, लेकिन साथ ही महबूब के सामने जब भी जाएं। एक सकारात्मक नजरिया का प्रदर्शन करते हुए शिकयतों से बातों का सिलसिला नहीं शुरू करें।

Yadi kisi karan se aapka mahaboob apse ruth gaya hai or aapke lakh manane ke bavjood nahi maan raha hai to hum aapko aaj Ruthe Hue Mehboob Ko Manane Ka Wazifa, Dua, Amal, Tarika, Upay or Mehboob Ki Mohabbat Ka Wazifa batayege. ise Mahaboob Ko Wapas Pane Ka Wazifa ya Mahaboob Ko Apna Banane Ka Wazifa bhi kahate hai. iske prayog se apka mahaboob pahale ki tarha aapse pyar karega or uski sari narazgi dur ho jayegi.

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मोहब्बत में पागल करने का वजीफा

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